नए साहित्य का सौंदर्य शास्त्र (Naye Sahitya Ka Saundarya Shastra) [Hardcover](Hardcover, जी. एम. मुक्तिबोध (G. M. Muktibodh)) | Zipri.in
नए साहित्य का सौंदर्य शास्त्र (Naye Sahitya Ka Saundarya Shastra) [Hardcover](Hardcover, जी. एम. मुक्तिबोध (G. M. Muktibodh))

नए साहित्य का सौंदर्य शास्त्र (Naye Sahitya Ka Saundarya Shastra) [Hardcover](Hardcover, जी. एम. मुक्तिबोध (G. M. Muktibodh))

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These are reprint editions reprinted with the help of original book just to give the original look and feel we do not change its format and text due to which in some cases the text is not like new. किताब के बारे में: नए साहित्य का सौंदर्य शास्त्र गजानन माधव मुक्तिबोध का महत्त्वपूर्ण निबंध संग्रह है जिसमें उन्होंने आधुनिक हिंदी साहित्य की सौंदर्य दृष्टि विचारधारा और सामाजिक सरोकारों का विश्लेषण किया है। मुक्तिबोध ने पारंपरिक सौंदर्यशास्त्र की सीमाओं को चुनौती दी और साहित्य को केवल सौंदर्य के लिए नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम माना। वे मानते हैं कि नए साहित्य का सौंदर्य यथार्थ आत्मसंघर्ष और विचार की जटिलता में निहित है। इस कृति में उन्होंने लेखन के उद्देश्य लेखक की भूमिका और रचनात्मक चेतना की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। यह पुस्तक प्रगतिशील आलोचना की दिशा में मील का पत्थर है। लेखक के बारे में: गजानन माधव मुक्तिबोध (1917-1964) 20वीं सदी के अग्रणी हिंदी कवि आलोचक निबंधकार और कथाकार थे। वे नई कविता आंदोलन के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उनकी कविताएँ जैसे चाँद का मुँह टेढ़ा है अँधेरे में में समाज सत्ता और आत्मसंघर्ष का गहन चित्रण मिलता है। मुक्तिबोध ने कामायनीरू एक पुनर्विचार एक साहित्यिक की डायरी जैसी आलोचनात्मक रचनाओं से हिंदी आलोचना को नई दिशा दी। उनके उपन्यास विपात्र और लघुकथाएँ सामाजिक विडंबनाओं को उजागर करती हैं। वे विचारधाराए मार्क्सवाद और आत्मबोध से गहरे प्रभावित थे। उनका लेखन आत्मसंघर्ष और सामाजिक परिवर्तन की चेतना से ओतप्रोत है। The Title 'नए साहित्य का सौंदर्य शास्त्र (Naye Sahitya Ka Saundarya Shastra) written/authored/edited by जी. एम. मुक्तिबोध (G. M. Muktibodh)', published in the year 1899. The ISBN 9789372252149 is assigned to the Hardcover version of this title. This book has total of pp. 162 (Pages). The publisher of this title is Gyan Publishing House. This Book is in Hindi. The subject of this book is Hindi Story. Size of the book is 14.34 x 22.59 cms.